दोस्तों, आज के समय में हर व्यक्ति अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी लेता है, ताकि उसके बाद उसके परिवार को अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े। आम तौर पर लोग जीवन बीमा में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं। कई बार लोगों के समाने आर्थिक समस्याएं या फाइनेंशियल प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है, जिसकी वजह से बीमा का प्रीमियम नहीं भर पाता है और इसकी वजह से उसे बीमा पॉलिसी का फायदा नहीं मिल पाता है।
इसी समस्या को देखते हुए बीमा कंपनियों द्वारा टर्म लाइफ इंश्योरेंस, एंडोमेंट प्लान, यूलिप जैसी कई फायदेमंद टर्म लाइफ इंश्योरेंस स्कीम दी जा रही है। इन प्लान में पॉलिसी होल्डर की मृत्यु के बाद ही परिवार को मदद मिलती है। लेकिन अगर पॉलिसी होल्डर किसी वजह से प्रीमियम भरनें में असमर्थ हो जाता है, तो उसे बीमा पॉलिसी का फायदा नहीं होता है और न ही उसे प्रीमियम की राशि वापस मिल पाती है। इसके साथ ही बहुत से लोग टर्म इंश्योरेंस प्लान में निवेश से इसलिए बचते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इस स्कीम में उन्हें पॉलिसी के मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलेंगे / अधिकतर लोग टर्म इंश्योरेंस प्लान में निवेश को पैसे की बर्बादी मानते हैं। इसी मानसिकता को दूर करने के लिए कई बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसी खत्म करने पर प्रीमियम की राशि वापस की जा रही है। और इसी को कहते है जीरो कॉस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान्स। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
क्या होता है जीरो कॉस्ट टर्म इंश्योरेंस
जीरो कॉस्ट टर्म इंश्योरेंस प्लान एक ऐसा प्लान है, जिसमें बीमा कराने वाले को ये अधिकार है कि वो जब चाहे अपनी पॉलिसी को बंद करा सकता है यानी पॉलिसी होल्डर को जब यह लगता है कि वो पॉलिसी का प्रीमियम नहीं दे सकता या फिर वह पॉलिसी को आगे नहीं चलाना चाहता है तो वह इसे खत्म या बंद कर सकता है। इस प्लान में बीमा पॉलिसी खत्म करने का मतलब बिलकुल भी ये नहीं है कि उसे प्रीमियम के तौर पर जमा किये गए पैसे वापस नहीं मिलेंगे, बल्कि इस प्लान के मुताबिक अगर बीमाकर्ता अपनी पॉलिसी को वापस करता है यानी खत्म करता है, तो बीमाकर्ता कंपनी द्वारा उसे जीएसटी काटकर बाकि बची हुई रकम को वापस कर दिया जाएगी।