जॉब चेंज करते समय कौन से डाक्यूमेंट्स कलेक्ट करे अपने पुराने एम्प्लायर से | Documents needs to be collected from employer at time of job change

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दोस्तों जॉब चेंज करने का कारण कुछ भी हो सकता है ।   लेकिन क्या आप जानते है की जब भी आप जॉब चेंज करते है तो आपको अपने पुराने एम्प्लायर या कंपनी से कौन कौन से डाक्यूमेंट्स लेने होते है । क्या आप भी जल्दीबाज़ी में ऐसे ही जॉब चेंज कर लेते है और फिर बाद में जब आपको डाक्यूमेंट्स की ज़रूरत होती है तो आप अपनी पुरानी कंपनी के HR के चककर काटते है । अगर ऐसा है तो आज की वीडियो सिर्फ आपके लिए है . आज हम आपको उन डाक्यूमेंट्स की पूरी लिस्ट प्रोवाइड करेंगे जो आपको जॉब स्विच करते समय अपनी पुरानी कंपनी से ज़रूर लेने चाहिए । तो चलिए स्टार्ट करते है ।

दोस्तों अगर आप एक जगह से जॉब छोड़कर दूसरी जगह ज्वाइन कर रहे है तो आपको ये डाक्यूमेंट्स ज़रूर अपने पुराने एम्प्लायर से लेने चाहिए । और इनमे पहला आता है-

सैलरी स्लिप –

सैलरी स्लिप एक बहुत ही इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट है । आपको जॉब चेंज करते समय या तो लास्ट सिक्स मंथ्स की सैलरी स्लिप या फिर सैलरी सर्टिफिकेट ज़रूर लेना चाहिए ।  नौकरी करने वालों के लिए सैलरी स्लिप (Salary Slip) बेहद जरूरी डॉक्युमेंट है। सैलरी स्लिप को पे स्लिप या सैलरी स्टेटमेंट के नाम से भी जाना जाता है। जॉब चेंज करते हुई आपकी नयी कंपनी आपसे कम से कम पिछली तीन महीनो की सैलरी स्लिप की डिमांड ज़रूर करती है । कुछ बैंक या वित्तीय संस्थान नौकरीपेशा व्यक्ति से लोन ऐप्लीकेशन या क्रेडिट कार्ड ऐप्लीकेशन पर आपसे सैलरी स्लिप (Pay Slip or Salary Statement) की डिमांड करते हैं। इससे उन्हें इस बात का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है कि आप रिपेमेंट कर सकने में कितने सक्षम हैं। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए भी सैलरी स्लिप की जरूरत पड़ जाती है।

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दोस्तों दूसरा इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट है नो Due सर्टिफिकेट

जब आप एक कंपनी में एम्प्लोयी होते है तो आपके पास कंपनी की कुछ एसेट्स होती है -जैसे की मोबाइल फ़ोन या लैपटॉप । और कुछ कम्पनीज अपने एम्प्लोयी को इंटरेस्ट फ्री लोन जैसी फैसिलिटीज भी प्रोवाइड करवाती है । तो जब भी आप अपनी कंपनी स्विच करे तो अपनी पुरानी कंपनी की सब एसेट सरेंडर करके और सारे Due क्लियर करके एक नो Due सर्टिफिकेट ज़रूर ले । जिससे की जब आप कंपनी छोड़ दे तो कंपनी आपके ऊपर कोई गलत क्लेम न कर सके । और जब आप जॉब छोड़ दे तो आपको किसी दिक्कत का सामना न करना पड़े । तो जब भी जॉब चेंज करे अपनी पुरानी कपंनी से नो Due सर्टिफिकेट ज़रूर ले ।

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दोस्तों अगला महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट आता है फॉर्म 16

आपको फॉर्म 16 (Form 16) के बारे में कई बार सुनने को मिलता है ।  किसी भी कंपनी या एम्प्लॉयर को इनकम टैक्स कानून के मुताबिक, सैलरी पेमेंट करते समय उस फाइनेंशियल वर्ष के लिए इनकम टैक्स स्लैब रेट के मुताबिक टीडीएस (TDS) की कटौती करनी होती है । कंपनियां, कर्मचारी की अनुमानित कमाई और इन्वेस्टमेंट के आधार पर उनपर लगने वाले टैक्स कैलकुलेशन, शुरू में या साल के दौरान करती हैं । फॉर्म 16 से यह पता चलता है कि सालभर में कितनी टीडीएस कटा है। किस आइटम में कितना टैक्स काटा गया है? आपने कितनी सेविंग्स की है, यह पता चलता है ।  इसी के आधार पर आपकी आईटीआर सबमिट होती है । इनकम टैक्स भी फॉर्म 16 को ही बेस मानता है कि आपकी जो घोषित इनकम है, वह फॉर्म 16 में है या नहीं । तो जब भी आप जॉब चेंज करे अपनी पुरानी कंपनी से अपना फॉर्म 16  ज़रूर ले । जिससे आप अपनी टैक्स कैलकुलेशन आसानी से कर पाए और आपको आपकी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े ।

दोस्तों अगला इम्पोर्टेन्ट डॉक्यूमेंट है UAN

वैसे तो आपकी सैलरी स्लिप पे UAN प्रिंट होता है । लेकिन अगर आपको अपना UAN नहीं पता है तो अपनी पुरानी कंपनी से HR से अपना UAN ज़रूर ले । यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (UAN) नौकरी करने वाले सभी लोगों को ईपीएफओ (EPFO) द्वारा जारी किया जाता है । यह 12 डिजिट का होता है । इस एकाउंट नंबर (Account Number) द्वारा कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड (PF) के बारे में जानकारी मिलती है । इसके साथ अन्य सुविधाएं पाने के लिए यूएएन (UAN) का होना बहुत आवश्यक है । आप चाहे जितनी ही नौकरियां बदलें, लेकिन यूएएन वही रहता है ।  आप चाहे तो जॉब चेंज करने के बाद इसमे नयी कंपनी मे बने PF अकाउंट को जोड़ सकते हैं या फिर पुराने PF अकाउंट को ही नयी कंपनी मे इस्तेमाल कर सकते हैं । इन सभी कंट्रोल आप एक UAN नंबर से ही कर सकते हैं । इसीलिए जॉब चेंज करने से पहले अगर आपको अपने UAN की जानकारी नहीं है तो उसे ज़रूर प्राप्त करे और साथ ही उसे एक्टिवेट ज़रूर करे । जिससे नयी कंपनी की डिटेल्स आप अपने EPF  में  खुद अपडेट कर सके ।

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दोस्तों अगला महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट है ग्रेच्युटी से रिलेटेड ।

अगर आपने पांच साल या उससे ज्यादा अपनी पुरानी कंपनी में काम किया है तो आपको कंपनी से ग्रेच्युटी मिलती है । जब आदमी नौकरी करना शुरू करता है तो उसको ग्रेच्युटी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है । एक ही कंपनी में लंबे समय तक काम करने वाले कर्मचारियों को सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड के अलावा ग्रेच्युटी भी दी जाती है । ग्रेच्‍युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवार्ड होता है । अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है तो ग्रेच्‍युटी पेमेंट एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत गारंटीड तौर पर उसे दिया जाएगा । ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है, लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है । मौजूदा नियमों के मुताबिक अगर कोई शख्स एक कंपनी में कम से कम 5 साल तक काम करता है तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है ।

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ग्रेच्युटी कैलक्युलेट करने का एक तय फार्मूला होता है –

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)

मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया ।  उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 75000 रुपये है ।  यहां महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है । वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है ।

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (75000) x (15/26) x (20)= 865385 रुपये ।

इस तरह ग्रेच्युटी की कुल रकम 8,65,385 रुपये मिलेगी ।

अगर किसी कंपनी में कर्मचारी साढ़े चार साल से ज्यादा यानी 4 साल 7 महीने की नौकरी पूरी कर लेता है तो इस स्थिति में अंतिम साल को कर्मचारी का पूरा साल ही माना जाता है ।

तो अगर आप  ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबल है तो कंपनी चेंज करने से अपने ग्रेच्युटी की रिक्वायरमेंट्स फुलफिल करके ग्रेच्युटी भी विथड्रॉ करवा ले ।

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दोस्तों नेक्स्ट आता है आपके ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स

अगर आपने जॉब ज्वाइन करते समय अपने ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स कंपनी में सबमिट करवाए थे तो जॉब चेंज करते समय आपको अपने वो ओरिजिनल डोकेमेन्ट्स कंपनी से वापिस ज़रूर ले लेने चाहिए । जिससे की जब भी फ्यूचर में आपको अपने ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स की ज़रूरत पड़े तो आपके पास आपके ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स हो।

दोस्तों इसके अलावा अगर आपको कंपनी में काम करने के दौरान कभी भी कोई अवार्ड या रिकग्निशन मिली है जैसे की “बेस्ट एम्प्लोयी या एम्प्लोयी ऑफ़ दा मंथ ” तो आप वो सब सर्टिफिकेट और अवार्ड्स भी ज़रूर कलेक्ट करे । ये सारे सर्टिफिकेट अपनी नयी कंपनी में आपकी पहचान बनाने में आपकी मदद करेंगे ।

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तो दोस्तों जब भी आप जॉब चेंज करे तो ये सारे डॉक्यूमेंट आप अपनी पुरानी कंपनी से कलेक्ट ज़रूर कीजिये । और जब भी जॉब चेंज करे तो पुरानी कंपनी से अच्छी टर्म्स पर ही जॉब छोड़े । कोशिश करे की किसी तरह की कोई ग़लतफहमी आपके पुराने एम्प्लायर के साथ न हो । अगर आप जॉब स्विच करते समय ये सारे डोकेमेन्ट कलेक्ट कर लेते है तो आपको फ्यूचर में किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

उम्मीद करते है की आज की जानकारी आपको अच्छी लगी होगी ।

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