स्टॉक मार्केट में निवेश पर हुआ है नुकसान? क्या आप इसे सैलरी इनकम से एडजस्ट कर सकते हैं या नहीं ?

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दोस्तों आज के समय में स्टॉक मार्केट में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है और बड़ी संख्या में लोग इसमें निवेश और ट्रेडिंग करते हैं।  लेकिन हर ट्रांसक्शन पर आपको प्रॉफिट ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ट्रांसक्शन में नुकसान भी हो सकता है।  ऐसे में आपके मन में ये सवाल तो ज़रूर आता होगा कि शेयर मार्केट में निवेश या ट्रेडिंग से आपको जो नुकसान हुआ है, उसे किस तरह सेट ऑफ किया जा सकता है।  इसे सैलरी से होने वाली इनकम  से सेट ऑफ किया जा सकता है या नहीं? अभी वित्त वर्ष 2020-21 के रिटर्न फाइल हो रहे हैं तो ऐसे में रिटर्न फाइल करते समय इसकी जानकारी होना आवश्यक है।  आज हम इसी बारे में बात करेंगे।  तो चलिए शुरू करते है।

शेयर बाजार के ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम पर या तो “कैपिटल गेन” या “इनकम फ्रॉम बिज़नेस” के तहत टैक्स लगाया जा सकता है।  यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रांजेक्शन, निवेश के रूप में किया गया है या बिज़नेस एक्टिविटी के रूप में।  इस पर बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन के रूप में टैक्स लगाया जाएगा या नहीं, यह विअलग अलग फैक्टर्स पर निर्भर करेगा, जैसे कि इन्वेस्टमेंट का एवरेज होल्डिंग पीरियड, निवेश किए गए धन का सोर्स, ट्रांजेक्शन की मात्रा, निवेश करने के पीछे का इरादा आदि। 

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शेयरों या म्यूचुअल फंड्स की बिक्री पर हुए नुकसान को सैलरी से होने वाली आय से एडजस्ट नहीं किया जा सकता है बल्कि स्टॉक मार्केट से हुए नुकसान को स्टॉक मार्केट से हुए मुनाफे से सेट ऑफ किया जा सकता है।  अगर उस वित्त वर्ष में मुनाफा नहीं हुआ या पूरा लॉस एडडस्ट नहीं हो पा रहा है यानी मुनाफा कम हुआ है तो इस पूरे नुकसान या एडजस्ट करने के बाद शेष लॉस को को अगले वित्त वर्षों में भी कैरी फारवर्ड कर सकते हैं।  

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आय़कर नियमों के तहत स्टॉक मार्केट में ट्रांजैक्शंस से मुनाफे या नुकसान को तीन श्रेणियों में रखा गया है- कैपिटल गेन/लॉस, बिजनस इनकम/लॉस या स्पेक्यूलेटिव इनकम/लॉस।

इनकम टैक्स में ट्रांजैक्शन की प्रकृति के मुताबिक स्टॉक मार्केट से हुई आय पर या तो कैपिटल गेन्स/प्रॉफिट मानकर टैक्स देनदारी बनती है या कारोबार व पेशे से हुआ मुनाफा मानते हुए।

आयकर नियमों के तहत अगर ट्रांजैक्शन निवेश है तो इससे हुई आय पर कैपिटल गेन के जैसे ही टैक्स देनदारी बनेगी।  वहीं अगर शेयर मार्केट ट्रांजैक्शन बिजनस एक्टिविटी है तो इससे हुए आय पर बिजनस व प्रोफेशन पर जैसे टैक्स कैलकुलेट होता है, वैसे ही कैलकुलेट होगी।

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अगर शेयर मार्केट ट्रांजैक्शन कारोबारी प्रवृत्ति का है, निवेश का नहीं तो इंट्रा-डे के अलावा अन्य ट्रांजैक्शन से नुकसान को सैलरी इनकम को छोड़ अन्य सभी हेड के तहत हुई आय से सेट ऑफ किया जा सकता है।

तो दोस्तों आप शेयर मार्किट से होने वाले लॉस को सैलरी के अगेंस्ट एडजस्ट नहीं कर सकते। 

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