Bitcoin Or Gold: Which is best investment option?| सोने और बिटकॉइन में किसमें निवेश है फायदे का सौदा

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दोस्तों, पिछले कुछ सालो में निवशकों का रूझान तेजी से बिट क्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश को लेकर काफी बढ़ा है। इन्वेस्टर अपने पोर्टफोलियो में इसे शामिल कर रहे हैं।  आमतौर पर अधिकतर निवेशक क्रिप्टो में निवेश को गोल्ड में निवेश की तरह लेते हैं।  कुछ मामलों में समानताओं और निवेश के लगभग समान वजह के चलते गोल्ड और क्रिप्टो को एकसमान कहा जा रहा है लेकिन इन दोनों ऑप्शंस के मतलब अलग हैं।  गोल्ड और क्रिप्टो दोनों की सीमित आपूर्ति और फिएट करेंसीज (केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी की जाने वाली मुद्राएं) के ऑप्शन के तौर पर उनकी भूमिका के चलते इन्हें एक जैसा माना जाता है, हालांकि दोनों की टेन्डेन्सी पूरी तरह अलग हैं।

आज हम इसी बारे में बात करेंगे और जानेगे की क्या गोल्ड और बिटकॉइन दोनों में निवेश एक जैसा है ? क्या डिफरेंसेस है दोनों में।  और कौन सा ऑप्शन हो सकता है आपके लिए बेहतर निवेश। तो चलिए शुरू करते है :

दोस्तों, बिटकॉइन में मिलने वाले बम्पर रिटर्न को देखते हुए ट्रेडिंग कम्युनिटी ने बिटकॉइन को डिजिटल सोना कहना शुरू कर दिया है।

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आइये सबसे पहले गोल्ड और बिटकॉइन का comparison  कर लेते है :

  1. 2016 के बाद से खनन के जरिए दुनिया भर में गोल्ड स्टॉक्स सालाना 1.7 फीसदी की दर से बढ़ रहा है और पिछले 20 वर्षों से करीब यही ट्रेंड बना हुआ है।  इसकी तुलना में बिट क्वाइन का स्टॉक सालाना 3 फीसदी की दर से बढ़ रहा है लेकिन 2140 तक आते-आते इसकी सालाना ग्रोथ जीरो परसेंट हो जाएगी।
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  • दोस्तों, बिट क्वाइन समेत सभी क्रिप्टोकरेंसीज नॉन-टैंजिबल (जिसे छुआ न जा सके) एसेट्स हैं और इसे पोर्टफोलियो में निवेश के तौर पर शामिल किया जाता है।  वहीं दूसरी तरफ गोल्ड की बात करें तो यह टैंजिबल (जिसे छुआ जा सके) एसेट्स (फिजिकल गोल्ड) भी है और नॉन-टैंजिबल (डिजिटल गोल्ड) भी।
  • निवेश के अलावा गोल्ड की खपत भी होती है जैसे कि ज्वैलरी, टेक्नोलॉजी में।  10 साल के औसत डेटा के मुताबिक सालाना गोल्ड की जो डिमांड है, उसमें से 34 फीसदी ज्वैलरी, 7 फीसदी टेक्नोलॉजी और 17 फीसदी केंद्रीय बैंकों की है और शेष 42 फीसदी डिमांड निवेश की है।
  • गोल्ड का इस्तेमाल कंप्यूटर्स, मोबाइल फोन के साथ-साथ ऐसी तकनीक में भी होता है जिसके इस्तेमाल से क्रिप्टोकरेंसीज का खनन किया जाता है।
  • दोस्तों गोल्ड ओनरशिप में अधिक डाइवर्सिटी है बिटकॉइन के मुकाबले। दुनिया भर में गोल्ड माइनिंग होती है और सबसे अधिक चीन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा में इसकी माइनिंग होती हैं।  हालांकि सालाना उत्पादन की बात करें तो यूरोप महाद्वीप में 10 फीसदी से कम गोल्ड उत्पादित होता है और शेष महाद्वीप में 10 फीसदी से अधिक और 25 फीसदी से कम गोल्ड उत्पादित होता है।  गोल्ड उत्पादन के साथ-साथ इसके ओनरशिप में भी डाइवर्सिटी है।
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  • दुनिया में सबसे अधिक गोल्ड यूएस ट्रेजरी के पास है लेकिन दुनिया भर में मौजूद गोल्ड स्टॉक्स का सिर्फ चार फीसदी ही उसके पास है।  50 फीसदी गोल्ड तो ज्वैलरी के रूप में ही मौजूद है और 21 फीसदी गोल्ड बार, क्वाइन व गोल्ड ईटीएफ के रूप में इंडिविजुअल व इंस्टीट्यूनल निवेशकों के पास है।
  • इसकी तुलना में बिट क्वाइन की बात करें तो पांच बड़ी माइनिंग कंपनी चीन की है और उसके पास इस नेटवर्क के 49.9 फीसदी पर नियंत्रण है।  इसके अलावा बिट क्वाइन होल्डिंग की बात करें तो महज 2 फीसदी लोगों को पास उपलब्ध बिट क्वाइन का 95 फीसदी है।
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  • वही अगर वॉलटिलिटी की बात करे तो गोल्ड के मुकाबले बिटकॉइन चार गुना से भी ज्यादा वोलेटाइल है। पिछले साल 2020 में Bit Coin ने करीब चार गुना रिटर्न दिया और पिछले दो साल में इसने निवेशकों को करीब 9 गुना का रिटर्न दिया था।  हालांकि इसमें निवेश पर बहुत तगड़ा रिस्क है।  पिछले दो साल की बात करें तो एसएंडपी 500 की तुलना में यह तीन गुना अधिक वोलेटाइल है और गोल्ड की तुलना में चार गुना ज्यादा ।
  • दुनिया भर में बिट क्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर नीतियां तैयार की जा रही हैं और इससे इनके वैल्यू पर प्रभाव पड़ेगा।  बिट क्वाइन जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसीज पर भारत में रोक भी लग सकती है। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई निर्धारित गाइडलाइंस नहीं हैं।  तीन साल पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था।  इस सर्कुलर के मुताबिक केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित संस्थाओं पर क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ी कोई भी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी गई थी।  इसके बाद यह मामला देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में गया।  सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च 2020 में आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरंसीज पर लगाए गए प्रतिबंध को खारिज कर दिया।  इसके बाद से भारत में बिट क्वाइन में निवेश पूरी तरह निवेशकों के अपने रिस्क पर होता है क्योंकि इससे जुड़ी कोई रूल्स या रेगुलेशंस अभी यहां नहीं है।
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दोस्तों ये तो था comparison।  अब बात आती है की एक इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के तौर पर गोल्ड और बिटकॉइन में से कोनसा बेहतर विकल्प है।  लेकिन मेरे हिसाब से तो अब comparison देखने के बाद आप ये सोच रहे होंगे की बिटकॉइन में निवेश करे की नहीं।  दोस्तों गोल्ड की बात करे तो गोल्ड बिटकॉइन से बहुत ज्यादा सुरक्षित निवेश है लेकिन बिटकॉइन ने रिटर्न बहुत ही बेहतरीन दिया है।  इसीलिए इसे पूरी तरह से इगनोर नहीं किया जा सकता।

दोस्तों सबसे पहले तो अपनी रिस्क टेकिंग कैपेसिटी का एनालिसिस करे और बुद्धिमानी से निवेश के विकल्प चुनें।  बिटकॉइन एक बहुत ही जोखिम भरा निवेश विकल्प है और अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा बिटकॉइन में डालना ठीक नहीं है।  बिटकॉइन की कीमतें बेहद अस्थिर रही हैं।  बिटकॉइन निवेश का एक ऑप्शनल सोर्स है।  लेकिन यह पूरी तरह से रेगुलेटेड मार्किट नहीं है।  वेस्टर्न दुनिया में इसके निवेश शुरू हो चुका है।  लेकिन भारत ने बिटकॉइन के इन्वेस्टमेंट को कानूनी नहीं किया गया है।  ऐसे में निवेशकों को बिटकॉइन में तब तक निवेश नहीं करना चाहिए जब तक यह पूरी तरह से कानूनी रूप से वैलिडेट न हो जाये। जब तक इसके सरे रूल्स और रेगुलेशंस न बन जाये तब तक एक आम इन्वेस्टर को बिटकॉइन से दूर ही रहना चाहिए।

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तो दोस्तों उम्मीद करती हु की इस गोल्ड और बिटकॉइन के इस comparison के बाद आप भी मेरे विचारो से सहमत होंगे।  तो दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारा आज का आर्टिकल भी अच्छा लगा होगा।  हमारा आर्टिकल आपको कैसा लगा ये हमें नीचे कमेंट करके ज़रूर बताएगा।  और इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर कर दीजियेगा।  धन्यवाद्।

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